Modi vs Maldives – इस विवाद की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के एक साझा किए गए अनुभव से हुई थी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, “जो लोग रोमांचकारी अनुभव लेना चाहते हैं, लक्षद्वीप उनकी सूची में जरूर होना चाहिए। मैंने स्नॉर्कलिंग की भी कोशिश की। यह कितना उत्साहजनक अनुभव था!”
इस पोस्ट का वायरल होना सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा का कारण बना। इसके परिणामस्वरूप, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने लक्षद्वीप को मालदीव का एक वैकल्पिक पर्यटन स्थल माना और इस पर अपने अच्छे अनुभवों की साझा की।
इसके बाद, मालदीव सरकार के नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी और उन्होंने प्रधानमंत्री के एक्सप्रेशन को अपमानजनक और आपत्तिजनक माना। उनका दावा था कि इससे मालदीव के पर्यटन क्षेत्र को नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और यह उनके देश की समृद्धि को कमजोर कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप, यह विवाद मालदीव और भारत के बीच तनाव उत्पन्न कर रहा है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहसें और टिप्पणियां बढ़ रही हैं।
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मालदीव सरकार ने रविवार को तीन मंत्रियों को निलंबित करने का निर्णय लिया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपमानजनक टिप्पणियों करने के लिए जिम्मेदार थे।
मरियम शिउना, मालशा शरीफ, और महज़ूम माजिद शामिल यह तीनो इसमें शामिल थे।
मालदीव की सरकार ने उन मंत्रियों के निलंबन का निर्णय इस बात पर लिया क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप और मालदीव के बीच संबंधों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की थीं। इससे पहले, उच्च आयोग ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की थी और इसे मालदीव सरकार के विवादों का हिस्सा माना था।
इस घड़ी में, सोशल मीडिया पर विवाद बढ़ता जा रहा है और यह स्थिति राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को भी प्रभावित कर सकती है। इस संकट को सुलझाने के लिए राजनीतिक दलों को सावधानीपूर्वक और समझदारी से कार्रवाई करनी चाहिए।
राष्ट्रपति मुइज्जू की चीन की यात्रा के समय इस मुद्दे का समाधान करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हुई टिप्पणियों का समाधान करना भी महत्वपूर्ण है।
कई बॉलीवुड स्टार्स ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पे मालदीव्स का बहिष्कार किया तथा इस कंट्रोवर्सी में अपना योगदान दिया
Modi vs Maldives